डोईवाला-अठूरवाला ग्राम कडंल में आशीष राणा के निवास स्थान में भागवत प्रवक्ता महामाया ने द्वितीय दिवस की कथा में भागवत कथा में अमर कथा एवं शुकदेव जी के जन्म का वृतांत विस्तार से वर्णन किया। कथा के द्वितीय दिवस पर हजारों की संख्या में भक्तों ने महाराज जी के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया। द्वितीय दिवस के कथा की शुरुआत भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई।
भागवत प्रवक्ता पूज्य श्री महामाया जी ने कथा की शुरुआत में सर्वप्रथम श्रोताओं से कहा कहा कि भागवत और कृष्ण में कोई भेद नहीं हैं हमको भागवत और कृष्ण में भेद नहीं करना चहिये। उन्होने कहा कि संतों की सेवा में जो आनंद हो वो किसी ओर चीज में नहीं। महाराज श्री ने बताया की गरुण पुराण में लिखा है कि आप देवताओं से पहले अपने पितरो को मना लो क्यूंकि देवता तो आपको आपके कर्म अनुसार फल देते है लेकिन अगर पितृ एक बार खुश हो जाए तो वह वो दे देते है जो तुम्हारे भाग्य में भी नहीं होता और अगर पितृ अप्रसन्न हो जाए तो वो भी छीन लेते है। इस बीच अचार्य सुरेंद्र दत्त उनियाल जी, पंडित विनोद थपलियाल जी, अनिल बिजल्वान, गौरव उनियाल, हरीश उनियाल, संगीतज्ञ आचार्य प्रदीप नोटियाल, सुरेंद्र तिवारी आशीष बिजल्वान आदि उपस्थित रहे।