डोईवाला-
पाकिस्तान से आया टिड्डियों का एक दल यूपी में भी प्रवेश कर चुका है और ओर कई छेत्रो में हमला भी बोल चुका है। यहां कई बीघा फसल चट करने से किसानों को लाखों की चपत लग चुकी है।यहाँ जीपीएस और गूगल मैपिंग से टिड्डी दल की निगरानी की जा रही है। यूपी में टिड्डी के दो दलों के प्रवेश करने की जानकारी मिल रही है।
यूपी में टिड्डी दल के आगमन के बाद उत्तराखंड के किसानों में भी चिंता बढ गयी है। किसान नेता उमेद बोरा और सरदार रणजोध सिंह ने कहा कि किसानों पर पहले ही प्रकृति की मार पड़ रही है तो वहीं अगर क्षेत्र में यह टिड्डी दल प्रवेश करता है तो किसानों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी और किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है
तो वही कृषि विभाग भी सतर्क हो गया है। और उन्होंने सभी किसान केंद्र में उपयोग में लाए जाने वाली दवाइयों के स्टाक का निरीक्षण शुरू कर दिया है और दवाइयों की उपलब्धता को सुनिश्चित कर ली है।
तो वहीं कृषि विभाग में भी भरपूर दवाइयां मौजूद हैं जिससे कि अगर टिड्डियों का आगमन उत्तराखंड के क्षेत्र में होता है तो इन पर छिड़काव करके किसानों की फसलों को बचाया जा सके।
डोईवाला कृषि अधिकारी इंदु गोदियाल ने बताया कि अभी टीड्डी को क्षेत्र में नहीं देखा गया है लेकिन जिस तरह से पड़ोसी प्रदेश में टीडी दल के आगमन की सूचना है तो विभाग ने भी अपने स्तर से सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है जिसके लिए किसानों को फसलों को बचाने और टिड्डियों की रोकथाम के लिए विभाग में जरूरी दवाईया उपलब्ध है तो वहीं किसानों को स्प्रे मशीनें रखने और ओर जिनके पास बड़ी स्प्रे टैंकर मशीन हैं उनको भी तैयार रहने के लिए कहा गया है इसके अलावा और भी जो सावधानियां बरती जानी है उसके लिए किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है और किसानों को इनसे बचाव के लिए सभी जानकारियों की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि इसमें उपयोग आने वाली दवाई chloropyriphos विभाग में है जो भी किसान ले जाना चाहे वो ले जा सकता है।
कहां से आया टिड्डी दल
टिड्डयों का ये दल पाकिस्तान से भारत में आया है। तीन दलों में बंटी टिड्डियां अबतक गुजरात, राज्स्थान और मध्यप्रदेश में हमला कर चुकी हैं। यहां पर कई बीघा फसल चट करने के बाद अब यूपी में प्रवेश कर गई हैं।
अन्य जानकारी-
रात में करता है हमला, सुबह हवा की दिशा में फिर भरता है उड़ान
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार 25 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा की दिशा में उड़ने वाला टिड्डी का दल रात में हमला करता है। एक टिड्डी दल आठ से दस घंटे में करीब सौ किमी का सफर करता है। एक बार भोजन के बाद जब सौ किमी उड़ता है और फिर भूख लगते ही वहां के क्षेत्र में पड़ने वाली फसल को चट कर जाता है। बताया गया है कि टिड्डी दल रात में पेड़ और फसलों पर ही बैठता है और फिर सूर्य की पहली किरण निकलते ही फिर उड़ान भरता है। यह रात में खेतों पर बैठकर फसल चट करने के बाद सुबह उड़ान भर लेता है।
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वहीं किसानों को निर्देश दिये गये हैं कि टिड्डियों को देखते ही जोर जोर से शोर मचाएं, खाली टिन के डिब्बे, थाली व ताली बजाने के साथ खेतों में धुंआ करें