जनता पर महंगाई की मार - कुछ तो करो सरकार

 डोईवाला

 देश में लगातार बढ़ती महंगाई से आम जनमानस का बजट बिगड़ना शुरू हो गया है सब्जियों और फलों के बाद अब दालों और खाद्य तेल के साथ-साथ पेट्रोल डीजल के  बढ़ते दामों से मध्यम वर्गीय परिवार खासे परेशान नजर आ रहे हैं तो वहीं कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण लोगों को पूर्व की भांति लॉकडाउन का भी डर सताने लगा है लोगों का मानना है कि पूर्व के लॉक डाउन से अभी तक उबर नहीं पाए हैं अगर दोबारा वही स्थिति आई तो मुश्किलें बढ़नी तय हैं।


 समाजसेवी व लॉकडाउन के समय आम जनता के बीच रही कांग्रेस नेत्री हेमा पुरोहित का कहना है कि रोजमर्रा की चीजों में लगातार मूल्य वृद्धि के कारण आम जनमानस के सामने वाकई काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं जिस कारण उनका घरेलू बजट भी बिगड़ गया है । किसानों को उनकी उपज का दाम सही समय पर और पूरा ना मिलने के कारण जहां परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं तो वही दिहाड़ी मजदूरी का कार्य करने वाले हैं लोगों के सामने भी महंगाई का पहाड़ खड़ा हो गया है।

ग्राम प्रधान रेखा बहुगुणा का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लोग कृषि या अपने लघु व्यवसाय पर ही निर्भर हैं जिस कारण महंगाई का सबसे ज्यादा असर उन पर पड़ रहा है लॉक डाउन के बाद से ही उनके काम में काफी असर हुआ और अब दोबारा से जिस तरह से महंगाई और कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है वह आम जनमानस के लिए चिंता का विषय बन गया है। 

समाज सेविका एवं आदवन सेवा समिति की संस्थापक एवं अध्यक्ष संगीता चौहान का कहना है कि वाकई में महंगाई व कोरोना के कहर से आम जनमानस पर गहरा असर पड़ा है ऐसे समय में संपन्न लोगों को गरीब परिवारों के मदद के लिए आगे आना चाहिए क्योंकि हमारा देश आपसी सद्भाव का देश है इस मुसीबत की घड़ी में सभी को साथ मिलकर लड़ना होगा संपन्न व्यक्तित्व की छोटी सी मदद के कारण गरीब परिवारों के चेहरे पर मुस्कान आ सकती है इसलिए उन्हें उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।

 जिला पंचायत सदस्य टीना सिंह ने कहा कि आज किसान और उपभोक्ता दोनों ही परेशानी झेलने को मजबूर हैं एक और जहां किसानों को उनकी उपज का दाम सही नहीं मिल पा रहा है तो दूसरी ओर उपभोक्ता को भी महंगे दाम मिलने के कारण दोनों ही जरूरतमंदों का बजट बिगड़ गया है जबकि बिचौलिए मुनाफा कमा रहे हैं सरकार को चाहिए कि जमाखोरों पर कार्यवाही कर बाजार में मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करें।

 सामाजिक  कार्य से जुड़ी  पूनम चौधरी कहती हैं कि वाकई में इस वक्त मध्यमवर्गीय परिवारों के सामने कई तरह की परेशानियां हैं जिस कारण उन्हें कई तरह की परेशानियां भी झेलनी पड़ रही हैं जहां एक और स्कूल बंद होने के बावजूद भी स्कूलों की  फीस ली जा रही है तो वहीं जरूरत की चीजों में महंगाई बढ़ने से घर का बजट बिगड़ रहा है।

 तो वही रीना चौहान कहती हैं की सरकार को मूल्य निर्धारित कर सख्ती के साथ बाजार पर नियंत्रण बनाना चाहिए जिससे कि आम जनमानस को महंगाई से निजात मिल सके और वह अपना जीवन यापन ठीक प्रकार से कर पाए बाजार में मूल्य निर्धारण ना होने के कारण आम जनमानस परेशानियां झेलने को मजबूर है सरकार को चाहिए की आम जनमानस की परेशानियां दूर करने के लिए सख्त कदम उठाए।