युवाओ के टीकाकरण में सरकार फेल - मनीष

देहरादून/ डोईवाला-  चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति उत्तराखंड के केंद्रीय संयोजक व पूर्व राज्य मंत्री मनीष कुमार ने सरकार से मांग की कि युवाओं का टीकाकरण उत्तराखंड में  समाप्त हो गया है जबकि  इस दूसरी लहर में कोरोना से युवा ही सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है  लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण  आज युवाओं को टीकाकरण के लिए भी भटकना पड़ रहा है  उन्होंने कहा कि सरकार तत्काल  18 से 44 वर्ष  वालों के टीकाकरण की व्यवस्था करें व सभी को कोरोना का टीका  मुफ्त में लगाया जाए। सरकार की ढुलमुल नीति के कारण टीकाकरण अधर में लटक गया है। 


कोरोना महामारी के खिलाफ सबसे मजबूत सुरक्षा कवच केवल टीका ही है, केंद्र की ढुलमुल नीति ने टीकाकरण को अधर में लाकर छोड़ दिया है। टीकाकरण केंद्रों पर ताले और एक देश में ही अलग-अलग दाम वसूले जा रहे हैं। जहां एक और प्राइवेट सेंटरों में कहीं-कहीं पर टिके लग रहे हैं वहां पर अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। जनता को घंटों लाइनों में खड़े रहकर परेशान होकर, अपने नंबर का इंतजार करना पड़ रहा है। मुफ्त टीकाकरण सरकार की जिम्मेदारी है। उसके साथ साथ टीकाकरण केंद्रों की संख्या में भी इजाफा करना चाहिए और शीघ्र अति शीघ्र जनता को टीका लगाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। यहां प्राइवेट सेंटरों पर ऐसा देखने में आया है की उच्च वर्ग के लोग टीकाकरण के लिए आ रहे हैं वही मध्यमवर्गीय व निम्न वर्गीय गरीब लोग टीका लगाने में अक्षम हैं, क्योंकि कोरोना महामारी ने इन सब की कमर तोड़ कर रख दी है। टीके की कीमत ना देने की स्थिति में इन लोगों पर कोरोना का खतरा बना हुआ है व मुफ्त टीकाकरण से समाज में चल रहा इस प्रकार का भेदभाव भी खत्म हो जाएगा। इस चीज की भी जांच होनी चाहिए कि सरकार के पास टीके नहीं है और प्राइवेट अस्पताल टीके ला रहे हैं और अच्छी रकम वसूल रहे हैं। जब टीकाकरण की राजधानी में यह स्थिति है तो प्रदेश के अन्य पहाड़ी जिलों में क्या स्थिति होगी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।

 केंद्र सरकार की टीकाकरण की नीति की विफलताओं का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति उत्तराखंड के केंद्रीय संयोजक व पूर्व राज्य मंत्री मनीष कुमार ने कहा की हम सरकार से मुफ्त टीकाकरण की तत्काल मांग करते हैं।